पलामू जिले में मंईयां सम्मान योजना के तहत 584 फर्जी लाभार्थियों का मामला उजागर हुआ है. प्रशासनिक जांच के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी लाभार्थी पकड़े गए, जिनमें पारा शिक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल हैं. इन फर्जी लाभार्थियों में कई ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और कुछ लोग सरकारी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं. ये सभी लोग मंईयां सम्मान योजना के पात्र नहीं थे, फिर भी उन्होंने इसका लाभ उठाया.
पलामू जिले में मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों की सत्यापन प्रक्रिया जारी है. वर्तमान में जिले के 21 प्रखंडों में जांच चल रही है. अब तक की जांच में मेदिनीनगर सदर में 189, सतबरवा में 170, लेस्लीगंज में 82 और रामगढ़ में 143 फर्जी लाभार्थी सामने आए हैं. जांच में यह भी पता चला है कि कई सरकारी कर्मचारियों के परिवार के सदस्य भी इस योजना का लाभ ले रहे थे. इसके अलावा, ढाई हजार से अधिक लोग ऐसे थे जिन्होंने दो अलग-अलग खातों से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था, लेकिन समय पर की गई जांच में उनकी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ और उनके खातों में कोई राशि नहीं भेजी गई.
सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक विक्रम आनंद ने बताया कि मामले की जांच जारी है और अब तक चार प्रखंडों में 584 फर्जी लाभार्थी पकड़े गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में राशि की वसूली की जाएगी. जांच में यह भी सामने आया कि बुजुर्गों, पारा शिक्षकों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में इस योजना का लाभ लिया. उन्होंने कहा कि विस्तृत जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.