रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच प्रमुख राजनीतिक दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया में जुट गए हैं. झामुमो, भाजपा, कांग्रेस और आजसू जैसे दलों में सक्रियता बढ़ गई है, और पार्टी के भीतर और बाहर रायशुमारी का दौर चल रहा है. इस बार झामुमो से जिन प्रमुख नेताओं को चुनावी मैदान में उतरने की उम्मीद है, उनमें कुछ नाम निश्चित हो चुके हैं.
झामुमो के प्रमुख उम्मीदवार
1. हेमंत सोरेन: झारखंड के मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रमुख चेहरे हेमंत सोरेन का नाम सबसे पहले आता है. उन्होंने बरहेट सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पिछले दो चुनावों में, उन्होंने भाजपा के उम्मीदवारों को हराकर अपनी स्थिति मजबूत की है. इस बार भी उनकी जीत की संभावनाएं अधिक हैं, जो न केवल उन्हें बल्कि पार्टी को भी लाभान्वित करेगी.
2. कल्पना सोरेन: हेमंत सोरेन की पत्नी, कल्पना सोरेन भी चुनावी मैदान में हैं. वह गांडेय से चुनाव लड़ेंगी, जहां वह पहले से विधायक हैं. सरफराज अहमद के इस सीट को छोड़ने के बाद, कल्पना ने 2024 के उपचुनाव में जीत हासिल की थी. उनकी स्थानीय पहचान और सक्रियता उन्हें चुनाव में मजबूत बनाती है.
3. बसंत सोरेन: हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन का नाम भी चर्चा में है. उन्होंने हाल ही में दुमका से उपचुनाव जीता है और इस बार भी वहां से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. उनकी जीत पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है.
4. रामदास सोरेन: घाटशिला से रामदास सोरेन को चुनावी मैदान में उतारने की संभावना है. भाजपा नेता चंपाई सोरेन के गढ़ में वो मुकाबला देने के लिए तैयार हैं. उनकी स्थिति मजबूत होने के कारण उनकी जीत की संभावनाएं अधिक हैं.
5. दीपक बिरुआ: चाईबासा से दीपक बिरुआ का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है. वह लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं और वर्तमान में हेमंत सरकार में मंत्री हैं. उनकी स्थानीय लोकप्रियता और अनुभव पार्टी के लिए एक बड़ा फायदा हो सकता है.
6. मिथिलेश ठाकुर: गढ़वा के विधायक और मंत्री मिथिलेश ठाकुर का नाम भी चर्चा में है. 2009 और 2014 में हार के बाद, उन्होंने 2019 में जीत दर्ज की थी. उनकी सफलता गैर-ट्राइबल बेल्ट में भी रही है, जो उनकी स्थिति को मजबूत बनाती है. उन्हें गढ़वा से फिर से टिकट मिलने की पूरी उम्मीद है.
7. बेबी देवी और राजू महतो: डुमरी सीट से बेबी देवी या उनके पुत्र राजू महतो को चुनाव में उतारने की संभावना है. बेबी देवी ने अपने दिवंगत पति टाइगर जगरनाथ महतो के प्रभाव के चलते उपचुनाव में जीत हासिल की थी, और उनकी पहचान स्थानीय मतदाताओं में मजबूत है.
8. हफीजुल हसन: मधुपुर विधानसभा सीट से हफीजुल हसन को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी है. उन्होंने अपने पिता के निधन के बाद राजनीति में कदम रखा और कोरोना काल में उपचुनाव में जीत हासिल की थी.