रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में दो सोरेन की चर्चा खूब हो रही है. एक हैं हेमंत सोरेन , जो वर्तमान में बरहेट विधानसभा से विधायक हैं और तीसरी बार उसी सीट से जीत के लिए मैदान में हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन अब भाजपा के उम्मीदवार के रूप में सरायकेला सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनको टक्कर दे रहे गणेश महाली, जो पहले भाजपा के उम्मीदवार रहे हैं, इस बार महागठबंधन के तहत झामुमो की टिकट पर सरायकेला से चुनाव लड़ रहे हैं.
पिछले चुनावों के नतीजें
चंपाई और गणेश के बीच का मुकाबला नया नहीं है; दोनों पिछले 15 वर्षों से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते आ रहे हैं.
2019 के चुनाव में , चंपाई सोरेन ने 1,11,554 वोट (49.43%) हासिल किए, जबकि गणेश महाली ने 95,887 वोट (42.94%) प्राप्त किए. इस चुनाव में चंपाई ने 15,667 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
2014 में , चंपाई को 94,746 वोट (46.26%) मिले, जबकि गणेश महाली ने 93,631 वोट (45.72%) हासिल किए, जिससे चंपाई ने केवल 1,115 मतों से जीत दर्ज की थी.
इस बार का मुकाबला
चंपाई सोरेन का राजनीतिक सफर 2005 से लगातार सरायकेला सीट पर सफल रहा है. हालांकि, इस बार वे भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं, जो कि एक महत्वपूर्ण बदलाव है. आदिवासी मतदाताओं की संख्या इस क्षेत्र में अधिक है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये मतदाता भाजपा के समर्थन में चंपाई को स्वीकार करते हैं या नहीं.
गणेश महाली ने हाल ही में भाजपा से इस्तीफा देकर झामुमो का हाथ थाम लिया है. उनका नाम झामुमो की चौथी उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया गया है.
नतीजे की प्रतीक्षा
चंपाई सोरेन और गणेश महाली के बीच की प्रतिस्पर्धा केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह झारखंड की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित कर सकती है. चुनाव परिणाम के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कौन विजयी होगा. सभी की नजरें कोल्हान के सरायकेला सीट पर टिकी हुई हैं.