पीएलएफआई का एरिया कमांडर लंबू उर्फ राडुंग बोदरा उर्फ टीरा बोदरा पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. उसके पास से दो पिस्टल भी बरामद हुईं. लंबू पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव थाना क्षेत्र के जिकिलता गांव का निवासी था, और उसका आतंक टेबो, बंदगांव, मुरहू, रनिया और अड़की थाना क्षेत्रों में फैला हुआ था. उसका मुख्य कार्य लेवी वसूलना, नक्सली पर्चे जारी कर पैसे की मांग करना, गांवों में जनअदालत लगाना और हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देना था. उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 29 आपराधिक मामले दर्ज थे.
दो दर्जन से भी ज्यादा मामलों में थी पुलिस को तलाश
लंबू के खिलाफ पुलिस को लंबे समय से जानकारी मिल रही थी, लेकिन वह हमेशा पुलिस को चकमा देकर भाग जाता था. उसके खिलाफ बंदगांव, टेबो, मुरहू, खूंटी और अन्य थाना क्षेत्रों में कुल 29 मामले दर्ज थे. इनमें से 16 मामले बंदगांव थाना में थे, जबकि मुरहू में आठ, खूंटी, अड़की और रनिया में एक-एक मामला दर्ज था. उसकी दहशत इतनी थी कि लोग पुलिस को उसके बारे में जानकारी देने से भी डरते थे.
सटीक सूचना पर मिली सफलता
पुलिस को सूचना मिली कि लंबू अपने कुछ साथियों के साथ टेबो और बंदगांव थाना क्षेत्र के जंगली इलाके में है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है. इस पर विशेष अभियान दल ने शनिवार को इस क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया. टेबो और बंदगांव थाना क्षेत्र के तोमरोम गांव के जंगलों में जब सुरक्षा बल पहुंचे, तो उग्रवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस को भारी पड़ता देख, पीएलएफआई के उग्रवादी भाग गए. मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में एक शव बरामद हुआ, जो लंबू उर्फ टीरा बोदरा का था. शव को नदी पार करके थाना लाने के लिए पुलिस को कड़ी मेहनत करनी पड़ी.