झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम भारतीय राजनीति के लिए कई महत्वपूर्ण संदेश लेकर आई हैं. इस बार सूबे की अवाम ने हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को स्पष्ट जनादेश दिया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार ने अपनी शुरुआत की है, और हाल ही में मंत्रिमंडल विस्तार में 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इस बीच, झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो चूका है, जो 12 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र के पहले दिन, नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ली.
कमजोर नजर आरहा है विपक्ष
इस बार विधानसभा में विपक्ष की स्थिति काफी कमजोर नजर आ रही है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए यह चुनाव काफी निराशाजनक साबित हुआ, क्योंकि पार्टी केवल 21 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई, और एनडीए की सहयोगी पार्टी, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू), भी एक ही जीत पाई. बीजेपी के कई प्रमुख नेता, जैसे भानु प्रताप शाही, विरंची नारायण, अमर बावरी, अमित यादव इस बार चुनाव हार गए, जिससे विपक्षी खेमे को बड़ा झटका लगा है. इन नेताओं की हार के बाद विपक्ष की स्थिति काफी कमजोर हो गई है, क्योकि सदन में इन्ही नेताओं की आवाज की गूंज सुनाई देती थी.
चुनाव के परिणामों से यह साफ है कि झारखंड की जनता का हेमंत सोरेन की सरकार पर भरोसा बरक़रार है. इसके परिणामस्वरूप, सत्तापक्ष को विधानसभा में मजबूत चुनौती देना मुश्किल होगा, जो राज्य की नीतिगत चर्चाओं और निर्णयों पर असर डाल सकता है. पिछले विधानसभा सत्र में विपक्ष लगातार सरकार पर दबाव बना रही थी, और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर रही थी, जिनमें रोजगार, अवैध बालू खनन, पलायन और बेरोजगारी जैसे मामले शामिल थे. लेकिन इस बार के विशेष सत्र में विपक्ष की स्थिति कमजोर दिख रही है.