भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिनर और ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया है. गाबा टेस्ट के ड्रॉ के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया. कप्तान रोहित शर्मा से बातचीत करते हुए अश्विन ने कहा, “मेरा सफर यहां समाप्त होता है. मैंने इस खेल को पूरी तरह से जिया है और अब सही वक्त पर विदाई लेने का निर्णय लिया है.”
उपलब्धियों से भरा रहा सफर
अश्विन का क्रिकेट करियर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बहुत अहम रहा है. उन्होंने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए, जो भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे अधिक विकेट हैं. बल्ले से भी उनका योगदान शानदार रहा, जिसमें 3503 रन और छह शतक शामिल हैं. वनडे क्रिकेट में अश्विन ने 116 मैचों में 156 विकेट चटकाए और 707 रन बनाए. .हीं, टी20 अंतरराष्ट्रीय में उन्होंने 65 मैचों में 62 विकेट और 184 रन अपने नाम किए. अश्विन की ताकत उनकी गहरी क्रिकेट समझ और रणनीतिक सोच में थी, जिसने उन्हें मैदान पर भारतीय टीम का अहम स्तंभ बना दिया. उन्होंने गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी में भी कई बार टीम को मुश्किल से बाहर निकाला है.
गाबा टेस्ट के ड्रॉ के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की श्रृंखला 1-1 से समाप्त हुई. इस टेस्ट मैच में भारत ने 275 रन का लक्ष्य हासिल करने की कोशिश में बिना कोई विकेट गंवाए 8 रन बना लिए थे, जब खेल रुक गया. इसके बाद अश्विन ने अपने विदाई भाषण में बीसीसीआई, अपने साथियों और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए अविस्मरणीय सफर रहा. मैंने इस दौरान ढेर सारी खूबसूरत यादें बनाई हैं और अब मैं इसे सही समय पर अलविदा कहना चाहता हूं.” अश्विन ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई और अपनी प्रेरणादायक विरासत छोड़ गए.