प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा दी. इस बैठक में ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की कड़ी मेहनत और दृढ़ मोलभाव क्षमता की सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मुझसे कहीं अधिक कुशल और सख्त वार्ताकार हैं, और किसी भी मामले में वह मुझसे बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं. ट्रंप ने मोदी को एक उपहार भी दिया, जिसमें एक किताब थी, जिसके पहले पन्ने पर लिखा था, “मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, यू आर ग्रेट”.
वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
इस संवाद में, दोनों नेताओं ने वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की, जिसमें भारत के दृष्टिकोण को समझने का ट्रंप का प्रयास विशेष रूप से उल्लेखनीय था. व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ट्रंप से पूछा गया कि कौन बेहतर मोलभाव कर सकता है, तो उन्होंने हंसी के साथ कहा, “पीएम मोदी मुझसे कहीं अधिक सख्त मोलभाव करने वाले हैं.
प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात एलन मस्क से
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान SpaceX के सीईओ एलन मस्क से भी मुलाकात की. इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में संभावनाओं पर चर्चा हुई.
असैन्य परमाणु सहयोग पर समझौता
भारत और अमेरिका ने असैन्य परमाणु सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए. 16 साल पहले हुए ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते के तहत, दोनों देशों ने भारत में अमेरिकी डिज़ाइन वाले परमाणु रिएक्टरों के निर्माण को बढ़ावा देने का निर्णय लिया.
एफ-35 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति
इसके अलावा, ट्रंप ने भारत को अत्याधुनिक एफ-35 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि भारत अब अमेरिका से अधिक तेल, गैस और सैन्य उपकरण खरीदेगा, जिससे व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी. हालांकि, ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत को जवाबी शुल्क से नहीं बख्शेगा, जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को और भी मजबूत करेगा.