अंतरिक्ष का सफर सुनने में जितना रोमांचकारी लगता है वास्तव में यह उतनी ही मुश्किल भरा भी होता है. इस बात को Astronaut Sunita Williams के सफर से ज्यादा बेहतर समझा जा सकता है. सुनीता विलियम्स का धरती पर वापस आना फिर से टल गया है. कुछ महीने अभी और अंतरिक्ष में ही बिताने होंगे. 2025 में अब उनके वापस लौटने की संभावना जताई जा रही है. वे नौ अन्य यात्रियों के साथ 6 रूम जितने बड़े घर में रह रही हैं. अंतरिक्ष से वापस लौटे यात्रियों ने बताया कि वहां रहना कितना मुश्किल होता है और कैसे बिताते हैं अपना समय.
खाने-पीने की समस्या
स्पेस स्टेशन (space station) में सबसे बड़ी समस्या खाना खाने की होती है. खाने में क्या खा रहे इसका भी विशेष ध्यान रखा जाता है. Astronaut निकोल स्टॉट जो 2009 और 2011 में दो मिशन के तहत 104 दिन बिता चुकी हैं. उन्होंने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि स्पेस में खाने के पैकेट को सावधानी से खोलना पड़ता है. खोलते वक्त अगर कुछ वस्तुएं छिटक जाती है तो स्पेस में उड़ते रहती है और उनसे बचने की कोशिश करना पड़ता है.
सेहत का विशेष ध्यान
अंतरिक्ष यात्रियों को वहां के वातावरण में खुद को एडजस्ट (adjust) करने के लिये अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखना पड़ता है. हमेशा अपने हार्ट, ब्रेन, ब्लड, बीपी इन सबको मॉनिटर करना पड़ता है ताकि किसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित होने से बच सकें. वहीं शरीर को फिट रखने के लिये दिनभर में 2 घण्टे एक्सरसाइज करना भी जरूरी होता है. उनकी दिनचर्या भी सुबह 6 बजे से शुरू हो जाती है. सोने के लिये भी फोन बूथ (phone booth) जैसे विशेष प्रकार के शयनकक्ष (bedroom) में सोना पड़ता है.
एक ही कपड़े का लंबे समय तक इस्तेमाल
स्पेस में कपड़े धोने की कोई व्यवस्था नहीं होती है. शून्य गुरुत्वाकर्षण (zero gravity) के कारण कपड़े शरीर पर तैरते रहते हैं जिससे इनपर साबुन या तेल का कोई असर नहीं होता है. पूरे दिन काम के दौरान पसीना भी खूब चलता है. निकोल स्टॉट ने बताया कि कभी-कभी महीनों तक एक ही जोड़ी कपड़े में काम चलाना पड़ता है.
कैसे काटते हैं अपना वक्त
अंतरिक्ष यात्री अपने खाली वक्त में अक्सर गाने और अपने परिजनों को चिट्ठियां लिखते हैं. स्पेस के बाहर उड़ती चीजों को देखते हैं या तस्वीरें लेते हैं. वे किताबों के साथ-साथ अपनी कुछ निजी चीजें भी अपने साथ ले जाते हैं और उनके साथ अपना खाली वक्त बिताते हैं.