पितृ पक्ष का आरंभ हो चुका है. 16 दिनों तक चलने वाले इस पक्ष के दौरान पूर्वजों को पिंड दान और तर्पण संबंधी कार्य किये जायेंगे. 2 अक्टूबर को इसका समापन होगा.
पितृ पक्ष का महत्व
सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान हमारे पूर्वज धरती पर ही निवास करते हैं. उन्हें पिंडदान और तर्पण करने से वे खुश होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. इस पक्ष में तीन पीढ़ियों का पिंडदान किया जा सकता है. इस दौरान सभी मांगलिक कार्य स्थगित होते है.
कैसे करें तर्पण
पितरों को जल अर्पण के लिये एक लोटे में पानी लेकर थोड़ा सा काला तिल डाल दें. इसके बाद दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके पितरों का ध्यान करें और कुश लेकर धीरे-धीरे जल अर्पण करें. इसके बाद यथासंभव दान करें.
कुछ विशेष चीजों का करें दान
कहा जाता है कि पितृपक्ष में जिन भी वस्तुओं का दान किया जाता है वो सीधे पितरों को प्राप्त होता है. इस दौरान आप चांदी का दान करें. इससे माना जाता है कि पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. गेहूं और चावल का दान करने से जीवन में आने वाली कई तरह की परेशानियां दूर होती है. वहीं भूमि का दान महादान माना गया है. इस दौरान ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराना भी बहुत शुभ माना गया है.