कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को हटाकर शुभंकर सरकार को पश्चिम बंगाल का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन राज्य में निराशाजनक रहा, जिसके कारण अधीर रंजन ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
शुभंकर सरकार: एक परिचय
शुभंकर सरकार का कांग्रेस पार्टी के साथ पुराना रिश्ता है और उन्हें राहुल गांधी का करीबी सहयोगी माना जाता है. उन्होंने विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है, और 30 अगस्त 2024 को उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था. इसके अलावा, वे अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम के प्रभारी भी रह चुके हैं.
राजनीतिक सफर
शुभंकर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कॉलेज के दिनों से की. वे 1993 से 1996 तक भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के महासचिव रहे और बाद में 2004 से 2006 तक भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है.
शुभंकर का दृष्टिकोण
नए पद पर नियुक्त होने के बाद, शुभंकर सरकार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छाओं के अनुसार कार्य करेगी और लोगों की आकांक्षाएं पार्टी की दिशा का मार्गदर्शन करेंगी.
ये बनी अधीर रंजन चौधरी के जाने की वजह ?
अधीर रंजन चौधरी ने हमेशा ममता बनर्जी की आलोचना की है और टीएमसी-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ रहे हैं. इसके विपरीत, शुभंकर सरकार इस गठबंधन के पक्षधर माने जाते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी में अब एक नई दिशा की ओर बढ़ने का प्रयास किया जा रहा है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने शुभंकर की नियुक्ति की पुष्टि करते हुए अधीर रंजन चौधरी के योगदान की सराहना की. यह बदलाव एक नई राजनीतिक रणनीति का संकेत देता है, जो पार्टी की आगामी चुनौतियों का सामना करने में सहायक हो सकती है.