मां और बच्चे के अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाने वाला पर्व जितिया धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. नहाय-खाय के साथ ही इस व्रत की शुरुआत हो गई है. नहाय-खाय का इस व्रत में विशेष महत्व माना गया है. इस दिन महिलाएं नदी में स्नान कर विशेष खाद्य सामग्री से भोग लगाती हैं.
जितिया से जुड़ी मान्यताएं
जितिया को हिन्दू धर्म में बेहद प्रभावशाली माना गया है. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है. कहते हैं इस व्रत को करने से संतान के जीवन की रक्षा होती है. वे सुखी और समृद्ध जीवन जीते हैं. वहीं निःसंतान लोगों को संतान सुख की प्राप्ति भी होती है. हालांकि जितिया व्रत को बेहद कठिन माना गया है. माताएं पूरे दिन निर्जला रहकर पूरे नियम के साथ इस व्रत को करती हैं. इस दिन जितिया पर्व के आराध्य जीमूतवाहन की कथा सुनने की भी परंपरा है.