झारखंड में 21-22 सितंबर को आयोजित स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (जेएसएससी-सीजीएल) परीक्षा विवादों में आ गई है. इस परीक्षा में रीजनिंग और गणित के पेपर में कई सवाल पहले से रद्द हो चुके परीक्षा पेपर से हूबहू दोहराए गए हैं. अभ्यर्थियों का एक बड़ा समूह इसे साजिश मान रहा है. रांची और हजारीबाग समेत अन्य शहरों में इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किए गए हैं.
अभ्यर्थियों का आरोप है कि रीजनिंग के पेपर में 20 में से 16 सवाल वही हैं जो 7 जून 2019 को टियर-वन परीक्षा में पूछे गए थे. इसी प्रकार, गणित के पेपर में भी 20 में से 16 प्रश्न 8 अगस्त 2022 को आयोजित टियर-2 परीक्षा के हैं. छात्रों का कहना है कि ऐसा लगता है कि प्रश्न पत्र पहले से ही लीक हो चुके थे, जिससे कुछ छात्रों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई.
बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग
झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार ने परीक्षा में धोखाधड़ी करने का नया तरीका अपनाया है. उन्होंने बताया कि कई अभ्यर्थियों ने उनसे इस साजिश के बारे में जानकारी साझा की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि छात्रों को संदेह है कि हेमंत सोरेन की सरकार ने पहले से ही जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में सीटों का सौदा किया है और अपने चहेतों को प्रश्नों के उत्तर रटवाए हैं. उन्होंने इस पर सवाल उठाया कि जब झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के पास प्रश्न तैयार करने का समय नहीं था, तो हड़बड़ी में परीक्षा आयोजित करने का क्या औचित्य था. मरांडी ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि जनवरी में हुई जेएसएससी परीक्षा के पेपर लीक के बाद, यह नया तरीका और भी खतरनाक है.