बिहार सरकार ने शिक्षकों के स्थानांतरण (transfer) के इंतजार में राहत प्रदान करते हुए नई ट्रांसफर पॉलिसी लागू की है. शिक्षा विभाग की इस नई नीति के तहत गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों, दिव्यांग शिक्षकों, विधवा और तलाकशुदा शिक्षिकाओं, अकेले जीवन व्यतीत करने वाली शिक्षिकाओं, तथा पति-पत्नी शिक्षक जो हैं, उन्हें ट्रांसफर में प्राथमिकता दी जाएगी.
नई ट्रांसफर पॉलिसी
1. पात्र शिक्षकों की संख्या : इस पॉलिसी के तहत 1.87 लाख सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों (Competency passed teacher) को नई नियुक्तियों का अवसर मिलेगा. हालांकि, जो शिक्षक स्थानीय नगर निकाय में नियुक्त हैं और सक्षमता परीक्षा में सफल नहीं हुए हैं, उन पर यह नीति लागू नहीं होगी.
2. नियम और शर्तें : बीपीएससी TRE-1 और 2 से चयनित शिक्षकों, 1995 के पुराने बीपीएससी से बहाल सरकारी शिक्षकों, और सक्षमता उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों पर यह पॉलिसी लागू होगी. स्थानांतरण के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि किसी विद्यालय में महिला शिक्षकों की संख्या 70% से अधिक न हो. प्रत्येक 5 वर्षों के सेवा काल के बाद शिक्षकों का स्थानांतरण अनिवार्य होगा.
3. विकल्प और प्रक्रिया : शिक्षकों को स्थानांतरण के लिए 10 विकल्प देने का प्रावधान किया गया है, जिससे वे अपने निकटतम अनुमंडल या जिले में पदस्थापित हो सकें. यह प्रक्रिया सॉफ्टवेयर आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से होगी. पहले चरण में सभी प्रकार के शिक्षकों का स्थानांतरण मुख्यालय स्तर से किया जाएगा, और महिला शिक्षकों को उनके पंचायत से अलग पंचायत में स्थानांतरित किया जाएगा. पुरुष शिक्षकों का स्थानांतरण उनके अनुमंडल से बाहर किया जाएगा.
4. शिक्षकों के लिए विशेष सुविधाएँ : शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि शिक्षकों के संघ की ओर से आए सुझाव के तहत, जो सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षक अपने विद्यालय में रहना चाहें, उन्हें विशेष शिक्षक के रूप में वहीं या आसपास के विद्यालय में पदस्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही, ऐसे शिक्षकों को सरकारी पेंशन और अन्य सुविधाएँ भी मिलेंगी.
5. समस्याओं का समाधान : यदि किसी शिक्षक को स्थानांतरण के दौरान समस्याएँ होती हैं, तो जिला स्तर पर DM की अध्यक्षता में एक टीम बनाई जाएगी. पहले यहाँ शिकायतों का निपटारा किया जाएगा, और यदि आवश्यक हो तो मुख्यालय स्तर पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.