झारखंड में विधानसभा सीटों के बंटवारे को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच तनाव गहरा गया है, जिससे गठबंधन की स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है. राजद ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी स्थिति में झुकने के लिए तैयार नहीं है और अगर बातचीत सफल नहीं होती, तो वह 22 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय ले सकती है. राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि सोमवार को अगर वार्ता का नतीजा सकारात्मक नहीं रहा, तो पार्टी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी.
‘7 के दबाव बनाया जा रहा है’
मनोज झा ने पिछले चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2019 में राजद ने भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए केवल 7 सीटों पर सहमति दी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार भी उन पर एकतरफा निर्णय लेने का दबाव डाला जा रहा है. उन्होंने कहा, “राजद के नेता कभी झुकना स्वीकार नहीं करेंगे. अगर जेल जाना पड़े तो वह भी मुनासिब है, लेकिन भाजपा के दुष्प्रचार का सामना नहीं करेंगे.”
कई राउंड की हुई मीटिंग, नहीं रही सफल
हालिया वार्ताओं में सहमति नहीं बन सकी. मुख्यमंत्री आवास में देर रात हुई बैठक भी बेनतीजा रही. राजद को 7 सीटें देने की पेशकश का सामना करते हुए, मनोज झा ने इसे स्वीकार करने से इनकार किया और कहा कि पार्टी का संगठन 22 सीटों पर मजबूत है और उन्हें जीतने की पूरी उम्मीद है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राजद हमेशा से भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ती रही है और उनके कार्यकर्ता अपने सिद्धांतों के प्रति वफादार हैं.
राजद के नेता ने बताया कि पार्टी अपने मतदाताओं को किसी भी प्रकार के प्रलोभनों से प्रभावित नहीं होने देगी. उनका मुख्य उद्देश्य भाजपा को सत्ता से हटाना है, और इसके लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे. अगर स्थिति और बिगड़ती है, तो राजद अकेले चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है, जिससे राजनीतिक समीकरण और भी जटिल हो सकते हैं.