झारखंड सरकार ने राज्य के नागरिकों को राहत देने के लिए अपनी प्रमुख योजना, बिजली बिल माफी योजना, को जारी रखने का निर्णय लिया है. शीतकालीन सत्र में पेश किए गए अनुपूरक बजट में ऊर्जा विभाग को 2577.92 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने विधानसभा में 11,697.92 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया, जिसमें सबसे अधिक 6390.55 करोड़ रुपये मंईयां सम्मान योजना के लिए निर्धारित किए गए, जबकि ऊर्जा विभाग को दूसरा सबसे बड़ा बजट आवंटित किया गया.
बिजली बिल माफी योजना क्या है?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी. योजना से लगभग 41 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा. इसके अंतर्गत 200 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को एनर्जी चार्ज, फिक्स्ड चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से भी छूट दी गई है.
200 यूनिट से अधिक खपत होने पर क्या होगा?
अगर उपभोक्ता की खपत 200 यूनिट से अधिक होती है, तो उसे भी सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
- 200 से 400 यूनिट तक की खपत पर उपभोक्ताओं को 2.05 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी मिलेगी.
- 400 यूनिट से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को 6.65 रुपये प्रति यूनिट का शुल्क चुकाना होगा.
योजना का उद्देश्य
बिजली बिल माफी योजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को आर्थिक राहत प्रदान करना है. यह योजना राज्य के विकास और आम जनता को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.