वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अनुबंध आधारित स्वास्थ्य कर्मियों की हाजिरी रजिस्टर को जब्त कर लिया है और संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच करने का आदेश दिया है.
मेडिकल कॉलेज के सफाई कर्मियों के लिए नोडल एजेंसी का कार्य बालाजी नामक कंपनी के पास है. कुछ दिन पहले वित्त मंत्री ने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण किया था, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आईं थीं. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने एक सप्ताह के भीतर संस्थान की स्थिति में सुधार लाने का निर्देश दिया था.
करार 135 का आते है 51
सोमवार को वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की, जहां बालाजी कंपनी के कर्मचारियों की हाजिरी रजिस्टर को जब्त किया गया. वित्त मंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेज को 135 सफाई कर्मियों की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में केवल 51 कर्मी तैनात हैं, जिनमें से 47 कर्मियों की ही हाजिरी बन रही थी. इसके बाद पंजी को जब्त कर मामले की जांच अपर समाहर्ता से करवाई जाएगी. उन्होंने इस मामले को गंभीर बताया और कहा कि सरकार से सफाई का ठेका तीन शिफ्टों में है, लेकिन सिर्फ 51 कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जिससे संस्थान में गंदगी बनी रहती है
दलालों की अब होगी पहचान
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और सभी कर्मचारियों को यूनिफॉर्म में रहने का आदेश दिया गया है, जो अगले तीन दिनों में लागू हो जाएगा. इससे न केवल मरीजों को असुविधा नहीं होगी, बल्कि यह भी स्पष्ट हो सकेगा कि कहीं बीच में कोई दलाल तो नहीं है.
इसके अलावा, मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज नहीं हो पा रहा है, और वे खुद इस मुद्दे पर पहल करेंगे. उन्होंने सभी कर्मचारियों की बायोमेट्रिक हाजिरी सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया.