झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित CGL परीक्षा की समीक्षा बैठक की. यह बैठक मुख्यमंत्री के आवासीय कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इस बैठक में CGL परीक्षा के संबंध में पुलिस जांच की स्थिति की समीक्षा की गई. इसके अतिरिक्त, 28 दिसंबर को आयोजित होने वाली मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के कार्यक्रम की भी चर्चा हुई. बैठक में राज्य के राजस्व संग्रहण पर भी विस्तृत चर्चा की गई, साथ ही राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए.
‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर चलेगी सरकार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को कड़े तरीके से लागू करने का संकल्प ले चुकी है. मुख्यमंत्री ने अंचल और प्रखंड कार्यालयों में बढ़ती भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को उच्चस्तरीय जांच और सख्त कार्रवाई के आदेश दिए. उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार पारदर्शी और त्वरित सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
‘उड़न दस्ते’ के जरीय होगी छापेमारी
मुख्यमंत्री ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) और अन्य उच्च अधिकारियों को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के तहत एक विशेष ‘उड़न दस्ते’ का गठन करने का आदेश दिया है. यह दस्ता नियमित निरीक्षण के साथ-साथ भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में छापेमारी भी करेगा.
सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. इस कदम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाना और जनता को राहत देना है. मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया कि दोषी किसी भी स्थिति में बच नहीं पाएंगे. उनके द्वारा दिए गए निर्देशों से यह स्पष्ट है कि अब सरकारी सेवाओं में कोई भी रुकावट नहीं आएगी.