JSSC CGL परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच के लिए दाखिल की गई जनहित याचिका पर मंगलवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) को नोटिस जारी किया और उसे जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले में अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी. प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और अपराजिता भारद्वाज ने बहस की, जबकि JSSC की तरफ से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल ने पक्ष रखा.
JSSC CGL परीक्षा के के बाद कैंडिडेट्दौस ने पेपर लीक का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू की. इस मामले की जांच के लिए तीन डीएसपी सहित सात पुलिस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की है.
ज्ञात हो कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल परीक्षा (SSC-CGL) का पेपर लीक हो गया था. इसके परिणामस्वरूप आयोग ने पहले सामान्य ज्ञान के तीसरे पेपर को रद्द कर दिया, और बाद में अभ्यर्थियों के हंगामे के चलते तीनों पेपरों की परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया. इस परीक्षा के माध्यम से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 2025 पदों के लिए नियुक्तियां की जानी थीं, जिसमें साढ़े छह लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.
रांची पुलिस की एसआईटी ने पेपर लीक मामले में झारखंड विधानसभा के अवर सचिव मो. शमीम और उनके दो बेटों को फरवरी में गिरफ्तार किया था. उनके पास से कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, विभिन्न नामों वाले खाली चेक, और कुछ मोबाइल फोन भी बरामद किए गए थे.