पश्चिम बंगाल ने राज्य में रसोई की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे आलू से लदे सैकड़ों ट्रक ओडिशा-बंगाल सीमा पर खड़े हैं. इन वाहनों को अंतरराज्यीय सीमा पार करने की अनुमति नहीं मिल रही है, और कई ट्रक अपने मूल स्थान पर वापस लौट चुके हैं. इस कारण आलू खराब हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप ओडिशा और झारखंड में आलू की आपूर्ति बंद होने से बाजार में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और आलू की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं.
ओडिशा पर असर
व्यापारियों का कहना है कि पहले ओडिशा के बाजारों में आलू 30 से 33 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था, लेकिन अब यह बढ़कर 45 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो कीमतें और बढ़ सकती हैं. ऑल ओडिशा ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव सुधाकर पांडा ने ओडिशा सरकार से अपील की है कि वह पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति फिर से शुरू करने के लिए बातचीत करे. ओडिशा के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्णचंद्र पात्रा ने बताया कि राज्य को रोजाना लगभग 4,500 टन आलू की आवश्यकता होती है और यह मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल से आती है.
झारखंड में स्थिति
पश्चिम बंगाल सरकार ने यह रोक पांच दिन पहले लागू की थी. इसके बाद बंगाल से आलू लेकर अन्य राज्यों जैसे झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और बिहार के लिए निकलने वाले ट्रकों को सीमा पर रोक लिया गया. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित डिबूडीह चेकपोस्ट पर पिछले पांच दिनों में 200 से अधिक आलू लदे ट्रक रोके गए हैं. कई ट्रक अब भी सीमा पर खड़े हैं और कई ट्रक वापस कोल्ड स्टोरेज या पश्चिम बंगाल में होलसेलर्स को भेज दिए गए हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बंगाल के मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि आलू आपूर्ति पर निर्णय लेने के लिए जल्द ही एक समिति गठित की जाएगी.
आलू का मामला सियासी रंग ले रहा है
ओडिशा के खाद्य आपूर्ति मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी की सरकार आलू की आपूर्ति को लेकर राजनीति कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि ओडिशा सरकार पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति को लेकर कोई बातचीत नहीं करेगी, क्योंकि ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि उनकी सरकार ओडिशा को आलू नहीं भेजेगी. मंत्री ने यह भी कहा कि किसी राज्य को दूसरे राज्यों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है, क्योंकि सभी राज्य एक देश का हिस्सा हैं और आपस में सहयोग करना चाहिए.