नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत सरकार के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सौजन्य मुलाकात की. इस बैठक में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के झारखंड राज्य में क्रियान्वयन की स्थिति और उससे जुड़ी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा हुई. विशेष ध्यान मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लंबित भुगतानों, वित्तीय आवंटन और नीतिगत सुधारों पर रहा.
मनरेगा से जुड़ी प्रमुख माँगें इस प्रकार रहीं:
- सामग्री मद में ₹747 करोड़ की राशि लंबित:
राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया कि मनरेगा के अंतर्गत सामग्री मद में जो ₹747 करोड़ की राशि लम्बे समय से बकाया है, उसे राज्य के स्टेट नोडल अकाउंट (SNA) में शीघ्र भेजा जाए. इसके अतिरिक्त, जिन कार्यों के FTO पहले से पोर्टल पर अपलोड हैं, उनके भुगतान को भी जल्द निपटाया जाए. - मजदूरी मद में ₹150 करोड़ का बकाया:
मनरेगा के तहत कार्यरत श्रमिकों को समय पर मजदूरी उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से ₹150 करोड़ की लंबित राशि तत्काल उपलब्ध कराने की माँग की गई. - प्रशासनिक मद में भुगतान अवरुद्ध:
लगभग 5400 से अधिक कार्मिकों का वेतन एवं संचालन खर्च तीन माह से लंबित है. प्रशासनिक मद की धनराशि तुरंत जारी करने की माँग रखी गई ताकि योजना संचालन बाधित न हो. - 25,000 अतिरिक्त राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण हेतु राशि लंबित:
पूर्व में केंद्र द्वारा 25,000 अतिरिक्त राजमिस्त्रियों के प्रशिक्षण की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन अब तक उससे संबंधित राशि राज्य को नहीं मिली. इसके शीघ्र निर्गमन की आवश्यकता जताई गई. - मनरेगा मजदूरी दर में बढ़ोतरी की मांग:
वर्तमान में झारखंड में मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी ₹255 प्रतिदिन है, जो अन्य राज्यों की तुलना में कम है. राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर ₹405 प्रतिदिन करने का आग्रह किया है. - प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पर प्रस्ताव:
- प्रति आवास राशि बढ़ाने की माँग:
वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत प्रति लाभार्थी ₹1.20 लाख की राशि मिलती है, जबकि राज्य की अपनी ‘अबुआ आवास योजना’ में यह राशि ₹2 लाख है. झारखंड सरकार ने सुझाव दिया कि केंद्र की योजना में भी प्रति यूनिट राशि को बढ़ाकर ₹2 लाख किया जाए ताकि गरीबों को सुरक्षित और गरिमामय आवास उपलब्ध हो सके. इसके अलावा CFP योजना में मानदेय लंबित, लंबित FTO का भुगतान,भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप SDR में संशोधन पर भी चर्चा की गयी.