8 फरवरी 2025 को झारखंड एनएसयूआई ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा का पुतला विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर फूंका. इस प्रदर्शन में राष्ट्रीय संयोजक आरुषि वंदना, प्रदेश उपाध्यक्ष अमन अहमद, प्रदेश महासचिव अभिजीत सिंह, तनु राजपूत, अब्दुल राबनवाज समेत कई छात्र नेता उपस्थित थे.
प्रदेश अध्यक्ष विनय उरांव ने बताया कि झारखंड की प्रशासनिक मशीनरी ने स्थानीय आदिवासी और मूलवासी समुदाय की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए, यूजीसी की नियमावली का पालन करते हुए राज्य के 8 विश्वविद्यालयों में यह नियुक्तियां कर रही है. रांची विश्वविद्यालय की स्थिति यह है कि यहां 97% अभ्यर्थी राज्य से बाहर के हैं, जिनका शैक्षिक दस्तावेज सत्यापित किया जा रहा है. इससे स्थानीय झारखंडी अभ्यर्थी बाहर हो रहे हैं, जिसे लेकर न तो विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी चिंतित हैं और न ही राज्य की ब्यूरोक्रेसी.
राज्य उपाध्यक्ष अमन अहमद ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की मांग है कि नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार नियमावली के तहत की जाए, अन्यथा इस नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी तरह रद्द किया जाए, ताकि स्थानीय अभ्यर्थियों को उचित अवसर मिल सके. उन्होंने आरोप लगाया कि यह नियुक्ति पूरी तरह से सेटिंग-गेटिंग पर आधारित है, क्योंकि सभी मेरिट लिस्ट में नाम, श्रेणी और राज्य की जानकारी दी गई है, जबकि जाति और आवासीय प्रमाणपत्रों को गुप्त रखा गया है.