रांची: झारखंड की राजनीति में उथल-पुथल के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अब अकेले चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रही है. सीट बंटवारे को लेकर असंतोष व्यक्त करते हुए तेजस्वी यादव जल्द ही महत्वपूर्ण निर्णय लेने की बात कर रहे हैं. उनका आरोप है कि गठबंधन के सहयोगी दलों से उन्हें उचित सम्मान नहीं मिल रहा है.
राजद नेता मनोज झा ने भी इस विषय पर संकेत दिया है कि पार्टी को अपनी स्थिति स्पष्ट करने की आवश्यकता है. हाल ही में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद के वरिष्ठ नेता की अनुपस्थिति ने पार्टी के लिए चिंता बढ़ा दी है.
कार्यकर्ताओं के अपमान को बर्दाश्त नहीं : मनोज झा
राजद अपने कार्यकर्ताओं के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर सकती और इस संदर्भ में सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है. पार्टी नेतृत्व ने एकजुटता बनाए रखने के लिए जल्द ही रणनीतिक चर्चा करने का निर्णय लिया है. यदि स्थिति इसी तरह बनी रही, तो राजद एक निर्णायक कदम उठाकर झारखंड की राजनीतिक स्थिति में बदलाव लाने का प्रयास कर सकती है.
’15 से 18 सीट पर राजद मजबूत’
झारखंड में राजद का पूरा कुनबा कैंप कर रहा है. तेजश्वी यादव से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब हुए राजद नेता ने कहा की सूबे की 15 से 18 ऐसी सीटें है जिनपर राजद अकेले बीजेपी को शिकस्त दे सकता है . इस बयान से साफ़ है की राजद झारखंड में होने वाले विधानसभा के चुनाव में गठबंधन से 15 से 18 सीटों की डिमांड कर रहा है, ये एक ऐसी डिमांड है जो अभी के राजनीतिक माहौल में पूरा होता नजर नहीं आ रहा है.
प्रेशर पॉलिटिक्स
नाम नहीं बताने के शर्त पर कांग्रेस के एक नेता ने कहा है कि राजद प्रेशर पॉलिटिक्स खेल रही है. गठबंधन में शामिल सभी दलों का लक्ष्य बीजेपी को हराना है, लेकिन राजद आपदा में अवसर ढूंढती नजर आरही है. हालांकि उन्होंने कहा है की बात जारी है और राजद को मना लिया जायेगा.