रघुवर दास, जिन्होंने ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिया, 10 जनवरी से भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में अपनी सक्रिय राजनीति की नई शुरुआत करेंगे. इसी दिन वह फिर से भाजपा की सदस्यता लेंगे, और इस अवसर पर झारखंड भाजपा कार्यालय में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें राज्य के प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे. रघुवर दास झारखंड के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल पूरा किया है.
प्रदेश बीजेपी को खली रघुवर की कमी
हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा को भारी हार का सामना करना पड़ा था, ऐसे में रघुवर दास की वापसी को पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है. जब वह अपने गृह नगर जमशेदपुर से रांची पहुंचे, तो बड़ी संख्या में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता उनसे मिलने के लिए पहुंचे.
भा.ज.पा. में अपनी वापसी के बारे में रघुवर दास ने कहा, “राजनीति में मेरी भूमिका क्या होगी, यह पार्टी तय करेगी. मैं खुद को एक साधारण कार्यकर्ता मानता हूं और मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, मैं उसे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाऊंगा.” उन्होंने 1980 में भाजपा की सदस्यता ली थी, तब भी उनके पास पार्टी से कोई अपेक्षाएँ नहीं थीं, और आज भी वह स्वयं को कार्यकर्ता के रूप में देखते हैं.
रघुवर दास को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी !
रघुवर दास का भाजपा में यह नया कदम ऐसे समय पर हो रहा है जब पार्टी में राज्य के लिए मजबूत नेतृत्व की तलाश की जा रही है. अगले कुछ महीनों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है, और इस स्थिति में रघुवर दास का नाम एक बार फिर से प्रदेश नेतृत्व के लिए चर्चा में आ सकता है. वह पहले भी झारखंड भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं. राज्य में उनकी पहचान एक प्रमुख ओबीसी नेता के रूप में रही है. कुछ कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि भाजपा उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा संगठनात्मक दायित्व दे सकती है.