जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं. वर्तमान में धनबाद जिले की झरिया विधानसभा सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है. इस सीट पर अब त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है, जहां राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जयराम महतो के प्रत्याशी रुस्तम अंसारी, सिंह मेंशन परिवार के 50 साल पुराने राजनीतिक किले को ध्वस्त कर सकते हैं.
सिंह मेंशन परिवार का 50 साल से किला
धनबाद जिले के झरिया विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से बाहुबली सूर्यदेव सिंह का दबदबा रहा है. 1970 के बाद से, इस सीट पर सूर्यदेव सिंह और उनके परिवार का ही कब्जा रहा है, केवल एक बार अपवाद छोड़कर. सूर्यदेव सिंह के परिवार के दो गुटों का राजनीतिक प्रभाव है—एक गुट बीजेपी के पक्षधर है, जबकि दूसरे गुट के नेता, सूर्यदेव के छोटे भाई बच्चा सिंह, कांग्रेस से जुड़े हैं.
सूर्यदेव सिंह के बाद उनकी पत्नी कुंती देवी ने इस सीट पर विधायक का पद संभाला, फिर उनके बेटे संजीव सिंह ने भी यहां से विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया. फिलहाल संजीव सिंह जेल में बंद हैं, जिनपर नीरज सिंह की हत्या का आरोप है. इस बीच, संजीव की पत्नी रागिनी सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरीं, लेकिन वे दूसरे नंबर पर रही थीं.
क्या रुस्तम अंसारी बदलेंगे इतिहास ?
2024 के चुनाव में इस बार झरिया की राजनीति में एक नया मोड़ आया है, क्योंकि रुस्तम अंसारी, जो जयराम महतो के उम्मीदवार हैं, इस बार बहुत मजबूती से चुनावी मैदान में उतरे हैं. उनकी उम्मीदवारिता को लेकर माना जा रहा है कि अगर मुस्लिम और स्थानीय ग्रामीणों का समर्थन मिला, तो वे सिंह मेंशन के इस लंबे समय से चले आ रहे किले को तोड़ सकते हैं. रुस्तम अंसारी को झरिया के आसपास के क्षेत्रों, जैसे कि भौरा, जहाजताड़, जामाडोबा, बरारी, बगड़िगी, साउथ और नॉर्थ तीसरा जैसे इलाकों में स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. साथ ही झरिया की लगभग 22 प्रतिशत मुस्लिम आबादी भी उनके साथ जा सकती है. ऐसे में अगर जयराम महतो की पार्टी को यह समर्थन मिलता है, तो सिंह मेंशन परिवार की राजनीति को एक बड़ा झटका लग सकता है.