झारखंड में आयोजित मैट्रिक परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की जांच अब तेज़ कर दी गई है. इसके लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, जिसकी निगरानी राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता कर रहे हैं. डीजीपी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और संभावना है कि सीआईडी को भी इसकी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि लीक हुए प्रश्न पत्र का संबंध कोडरमा जिले से है.
डीजीपी ने चेतावनी दी है कि जो लोग पुराने प्रश्न पत्रों को वायरल कर छात्रों को गुमराह कर रहे हैं, उन्हें जल्दी ही सजा दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है. अब तक मामले में कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और कुछ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने शिक्षा विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें पेपर लीक की घटनाओं और अब तक की गई कार्रवाइयों की जानकारी दी गई है. इस रिपोर्ट में विभिन्न जिलों में चल रही जांच की स्थिति और प्रारंभिक तथ्यों का विवरण भी दिया गया है.
18 और 20 फरवरी को हिंदी और विज्ञान के प्रश्न पत्र भी वायरल हुए थे, और छात्रों का आरोप था कि इन पेपरों को 350 रुपये में बेचा गया था. इस मामले की शुरुआत गिरिडीह और कोडरमा से हुई थी, जहां इन पेपरों के वॉट्सऐप पर वायरल होने की सूचना मिली थी. पुलिस ने गिरिडीह से चार लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें दो शिक्षक और दो छात्र थे. इसके अलावा, मधुपुर से एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है.