झारखंड की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को राहत मिल सकती है, क्योंकि राज्य सरकार उनके निलंबन को वापस लेने पर विचार कर रही है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. मई 2022 में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था, और अब दिसंबर 2024 में उन्हें जमानत मिली है. इसके बाद, कार्मिक विभाग ने उनकी फाइल मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता वाली कमेटी को भेजी है. कमेटी की सिफारिश और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही उनका निलंबन वापस लिया जाएगा. पूजा सिंघल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं.
गिरफ्तारी के बाद हुआ निलंबन
पूजा सिंघल पर मनरेगा घोटाले का आरोप है, जो उनके खूंटी जिले में डीसी रहते हुए हुआ था. ईडी की जांच में उनके सहयोगी सीए सुमन कुमार के पास से 19 करोड़ रुपये बरामद हुए थे, जिसके बाद 11 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद झारखंड सरकार ने तत्काल उनका निलंबन आदेश जारी कर दिया था. निलंबन से पहले वे उद्योग सचिव, खान और भू-तत्व विभाग की सचिव, और झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक थीं. मुख्यमंत्री की सहमति के बाद अगले ही दिन उनका निलंबन आदेश जारी किया गया था.
28 महीने बाद पूजा सिंघल को मिली जमानत
पूजा सिंघल को लगभग 28 महीने जेल में बिताने पड़े. 7 दिसंबर 2024 को रांची की पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें जमानत दी, और जेल से रिहाई के बाद अब उनके निलंबन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. कार्मिक विभाग ने संबंधित फाइल को समीक्षा के लिए कमेटी को भेज दिया है, जो मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में गठित की गई है. कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी और अगर निलंबन वापस लेने की सिफारिश करती है, तो यह मुख्यमंत्री के पास भेजी जाएगी. मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही उनका निलंबन वापस लिया जा सकेगा.
निलंबन हटने के बाद पूजा सिंघल की नई पोस्टिंग संभव
अगर निलंबन हटता है, तो पूजा सिंघल की फिर से पोस्टिंग हो सकती है, जो उनके लिए एक बड़ी राहत होगी. अब सभी की नजरें कमेटी की सिफारिश पर टिकी हैं. इस प्रक्रिया में मुख्यमंत्री की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि उनके अनुमोदन के बाद ही निलंबन वापस लिया जा सकता है.