रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद पीएलएफआइ के उग्रवादियों और अमन साहू गिरोह से जुड़े गैंगस्टरों ने एनआइए (NIA) कोर्ट की जज की हत्या की योजना बनाई. इस का के लिए बिहार के शूटरों को दो करोड़ रुपये की सुपारी दी गई. जेल से इलाज के बहाने रिम्स में जाकर प्रभु प्रसाद साहू और निवेश कुमार पोद्दार ने शूटरों को 75 लाख रुपये बतौर एडवांस भी दिए.
पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया है. खेलगांव थाना की पुलिस ने एक गुमनाम आवेदन के आधार पर केस दर्ज किया है. आवेदन में जज की हत्या की योजना का जिक्र है. सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों में होटवार जेल में बंद एनआइए केस का आरोपी सोनू पंडित, निवेश कुमार पोद्दार, प्रभु प्रसाद साहू, मनोज कुमार चौधरी और एटीएस के केस में बंद चंदन कुमार साहू शामिल हैं. ये सभी गैंगस्टर अमन साहू गिरोह से जुड़े हैं और पीएलएफआइ उग्रवादियों के सहयोगी और टेरर फंडिंग के आरोपी हैं.
गुमनाम पत्र ने खोला राज
पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 अक्टूबर को एक गुमनाम आवेदन प्राप्त हुआ, जिसमें जेल में बंद कैदियों द्वारा एनआइए कोर्ट के जज की हत्या की योजना का जिक्र था. आवेदन के आधार पर सब इंस्पेक्टर ने जांच की और विभिन्न आरोपियों से पूछताछ की. सभी ने हत्या की साजिश में अपनी संलिप्तता से इनकार किया. गुमनाम पत्र में उल्लेखित एक व्यक्ति, अरुण कुमार राय, जेल में नहीं पाया गया.
रिम्स में हुआ खेला
जेल के रिकॉर्ड की जांच में पता चला कि निवेश कुमार पोद्दार और प्रभु प्रसाद साहू इलाज के लिए रिम्स गए थे और समय पर वापस आए थे. इस मामले में और गहन अनुसंधान की आवश्यकता है, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई और इन पांचों लोगों के खिलाफ नामजद केस स्थापित किया गया.