झारखंड में बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर घमासान मचा हुआ है. इन पदों के लिए कई नेताओं के नाम चल रहे हैं, लेकिन अभी भी स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जा सका है. ओबीसी, सामान्य और अनुसूचित जाति/जनजाति के नेताओं के बीच ‘कुर्सी की जंग’ जारी है. केंद्रीय नेतृत्व की नजर ओबीसी नेताओं पर है, क्योंकि इससे ओबीसी राजनीति को बढ़ावा मिल सकता है. इन नियुक्तियों से पार्टी की आगामी पांच साल की रणनीति तय होगी, और कई नेता दिल्ली में अमित शाह से मिलने की कोशिश कर रहे हैं.
झारखंड बीजेपी में इस समय प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर ज्यादा चर्चा हो रही है. इस पद का चयन नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति पर निर्भर करेगा. यदि बाबूलाल मरांडी नेता प्रतिपक्ष बनते हैं, तो प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी ओबीसी नेता को मिल सकती है. वहीं, अगर नेता प्रतिपक्ष सामान्य या पिछड़ा वर्ग से होता है, तो प्रदेश अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति या जनजाति से होगा.
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के लिए ओबीसी नेताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. यदि ऐसा होता है, तो यह झारखंड बीजेपी में ओबीसी राजनीति को प्रमुखता देने का संकेत होगा. इस रेस में रघुवर दास, जो पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और हाल ही में ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर राज्य की राजनीति में लौटे हैं, उनका नाम भी सामने आ रहा है.
इन नियुक्तियों से पार्टी की आगामी राजनीतिक और सामाजिक रणनीति तय होगी. इसके साथ ही विधानसभा में मुख्य सचेतक और सचेतक की नियुक्तियों पर भी विचार किया जा रहा है. इस समय कई सांसद, विधायक और वरिष्ठ नेता दिल्ली में अपने संपर्को को मजबूत करने में जुटे हैं, और वे अमित शाह से मुलाकात करने के लिए प्रयासरत हैं. हाल ही में आदित्य प्रसाद साहू और ढुलू महतो जैसे नेता शाह से मिल चुके हैं, जबकि हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने भी उनसे अलग से मुलाकात की.
संभावित दावेदारों की सूची इस प्रकार है:
ओबीसी वर्ग से संभावित नाम:
1. रघुवर दास: पूर्व मुख्यमंत्री, दो बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, और अब राज्य राजनीति में सक्रिय हो गए हैं.
2. आदित्य प्रसाद साहू: राज्यसभा सांसद, प्रदेश महामंत्री और पूर्व उपाध्यक्ष.
3. मनीष जायसवाल: हजारीबाग सांसद, पूर्व विधायक.
4. राकेश प्रसाद: प्रदेश उपाध्यक्ष, सदस्यता अभियान के प्रभारी, और दो बार प्रदेश बीस सूत्री कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष.
सामान्य वर्ग से संभावित नाम:
1. रवींद्र राय: पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, राज्य सरकार में मंत्री, और सांसद के रूप में अनुभव.
2. अनंत ओझा: पूर्व विधायक, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री.
दलित वर्ग से संभावित नाम:
1. अमर कुमार बाउरी: पूर्व विधायक, नेता प्रतिपक्ष और एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
हालांकि, वर्तमान स्थिति में पहले नेता प्रतिपक्ष का चयन होगा, उसके बाद ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.