झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कोल्हान क्षेत्र के चार पूर्व मुख्यमंत्री—अर्जुन मुंडा, मधुकोड़ा, रघुवर दास, और चंपाई सोरेन की प्रतिष्ठा सीधे तौर पर दांव पर है. भाजपा ने 66 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है, जिनमें से 14 सीटें कोल्हान क्षेत्र से संबंधित हैं. इनमें से कई सीटों पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को टिकट दिया है, जिससे यह चुनाव और भी महत्वपूर्ण बन गया है.
कोल्हान की प्रमुख सीटों में सरायकेला, जगन्नाथपुर, पोटका, जमशेदपुर पूर्वी और घाटशिला शामिल हैं, जहां पूर्व मुख्यमंत्रियों के रिश्तेदार चुनावी मैदान में हैं.
जमशेदपुर पूर्वी: विरासत की चुनौती
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट पर भाजपा की उम्मीदवार पूर्णिमा साहू हैं. उनके ससुर रघुवर दास यहां से पांच बार विधायक रह चुके हैं और मुख्यमंत्री भी रहे हैं. पूर्णिमा के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें अपनी विरासत को बनाए रखना है, जबकि कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
पोटका: अर्जुन मुंडा की पत्नी की चुनौती
पोटका सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को टिकट दिया है. यह सीट 2019 से पहले भाजपा की मेनका सरदार के पास थी, लेकिन उन्हें झामुमो के संजीव सरदार ने हराया था. मीरा मुंडा के लिए यह चुनाव केवल जीत हासिल करने का नहीं, बल्कि झारखंड की राजनीति में अपनी पहचान बनाने का भी है.
घाटशिला: चंपाई सोरेन का बेटा
घाटशिला विधानसभा सीट पर चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन भाजपा के प्रत्याशी हैं. उनका मुकाबला झामुमो के रामदास सोरेन से है, जो वर्तमान में मंत्री हैं. बाबूलाल को इस सीट पर अपना चुनावी अभियान पहले से ही शुरू करना पड़ा था, और इस बार उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
.जगन्नाथपुर: गीता कोड़ा की वापसी की कोशिश
जगन्नाथपुर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा चुनाव लड़ रही हैं. पहले वह जय भारत समानता पार्टी के टिकट पर जीती थीं, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें इस बार जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.
अब देखना है कि कोल्हान की जनता पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा को बरकरार रखती है या भाजपा को 2019 की हार की याद दिलाती है. निश्चित तौर पर, इस बार की लड़ाई बेहद रोचक और रोमांचक होगी.