पायरिया मसूड़ों का संक्रमण है जो अधिकतर ग्राम नेगेटिव, स्पाइरोकीट, बैसिलस बैक्टीरिया (Gram-negative, spirochete, bacillus bacteria) के कारण होता है. वैसे तो यह आम बीमारी है लेकिन समय रहते ध्यान नहीं रखने पर यह गम्भीर बीमारी में बदल सकती है. इस बीमारी पर विस्तार से बता रही हैं दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. आकांक्षा चौधरी
पायरिया का दांतों पर प्रभाव
प्रायः टूथ ब्रश करने के दौरान मसूड़े से खून आने लगता है. वहीं दो दांतों के बीच की दूरी भी बढ़ने लगती है. दांत का टूट कर (दांतों के छोटे-छोटे टुकड़े) गिरने लगते हैं साथ ही मसूड़े लाल हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है. सांसों से भी बदबू आने लगती है.
पायरिया होने के कारण
1.धूम्रपान करना- मसूड़ों की बीमारी के लिए धूम्रपान को सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक माना जाता है. तंबाकू के इस्तेमाल से मसूड़ों की बीमारी होती है. दरअसल धूम्रपान और तंबाकू मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया को पनपने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाते हैं. धूम्रपान न करने वाले लोगों के मुकाबले धूम्रपान करने वाले लोगों में इलाज का प्रभाव देर से होता है.
2.आनुवंशिकता (heredity)- कई बार सही देखभाल के बावजूद भी मसूड़ों की बीमारी हो जाती है. आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा मसूड़ों की समस्याओं से ग्रस्त है और ये ओरल हेल्थ समस्याएं उन्हें आनुवंशिकता में मिली हैं.
3.दवाएं- एंटीडिप्रेसेंट दवाएं, एंटीहिस्टामिन (Antidepressants-Antihistamines) जैसी दवाओं में ऐसे तत्व होते हैं जो मुंह में लार बनने की क्रिया को धीमा करते हैं. लार दांतों को साफ रखने में मदद करती है जिससे बैक्टीरिया की वृद्धि में रोकथाम होती है. इसलिए लार की मात्रा कम होने से प्लैक और दांत में मैल जमा होने लगता है.
4.डायबिटीज- डायबिटीज होने की वजह से शरीर में कई तरह के और संक्रमण होने की संभावना होती है. इनमें मसूड़ों का इंफेक्शन भी शामिल है. मसूड़ों में सूजन और पायरिया ये दोनों इंसुलिन इस्तेमाल करने की क्षमता को बिगाड़ देते हैं जिससे शुगर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है.
5.पोषण में कमी- आहार में विटामिन बी और सी (vitamin B-C), कैल्शियम (calcium) पोषक तत्व न हों तो यह स्थिति मसूड़ों के रोगों को बढ़ावा दे सकती है. कैल्शियम बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह हड्डियों को मजबूत रखता है. इनमें दांतों को सहारा प्रदान करने वाली हड्डियां भी शामिल हैं. विटामिन सी संयोजी ऊतकों की मजबूती को बनाए रखने में मदद करता है.
6.हार्मोन में बदलाव- गर्भावस्था, मेनोपॉज (menopause) और यहां तक कि मासिक धर्म के दौरान होने वाले हार्मोन में बदलाव से पायरिया की संभावना बढ़ जाती है.
पायरिया से बचाव के उपाय
दांतों को स्वस्थ बनाने के लिए ओरल हाइजीन (oral hygiene) जरूरी है.
1. सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करें.
2. ब्रश करने की तरह फ्लॉसिंग करने की भी आदत डालें इससे दांतों की सफाई सही तरीके से होगी.
3. सिगरेट या तंबाकू जैसी चीजों का सेवन बंद कर दें.
दांतों के पोषण के लिये जरूरी खाद्य-पदार्थ
पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) से भरपूर क्रेनबेरी (Cranberry) दांतों और मसूड़ों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. वहीं अदरक और लहसुन के सेवन से दांतों और मसूड़ों की परेशानी कम होती है. दिन में एक से दो कप ग्रीन टी (green tea) पियें और आहार में सोयाबीन, ब्रोकली, गाजर, पालक को शामिल करें. मुंह और दांतों के व्यायाम के लिये चुइंगम (chewing gum) चबाने की आदत डालें, ध्यान रहे इसे बहुत देर तक चबाते ना रहें. सेंधा नमक या अनार के छिलके का पाउडर बना कर नियमित दांतों पर मसाज करना भी बहुत फायदेमंद होता है. खाने के बाद ठीक तरह से कुल्ला करने से दांतों को सफाई हो जाती है.
डॉक्टर के सलाह अनुसार रोजाना ब्रश करने के बाद कुल्ला करें.
दांतों की देखभाल में थोड़ी सी लापरवाही भी आपको परेशानी में डाल सकती है इसलिए बेहतर होगा कि किसी भी परेशानी को टालें नहीं और डेंटिस्ट से संपर्क करे.