भारत की शतरंज स्टार कोनेरू हम्पी ने न्यूयॉर्क में आयोजित 2024 वर्ल्ड रैपिड शतरंज चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया. फाइनल मुकाबले में उन्होंने इंडोनेशिया की इरीन सुखंदर को मात दी. यह उनकी वर्ल्ड रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में दूसरी जीत है. इससे पहले, उन्होंने 2019 में जॉर्जिया में यह चैंपियनशिप जीती थी. अब, वे चीन की जू वेनजुन के बाद दूसरी ऐसी खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने यह प्रतिष्ठित खिताब दो बार जीता है. 37 वर्षीय हम्पी ने 11 राउंड में 8.5 अंक प्राप्त करके शानदार प्रदर्शन किया.
कोनेरू हम्पी भारत की पहली महिला ग्रैंडमास्टर हैं और 2600 ईएलओ रेटिंग पार करने वाली दूसरी महिला खिलाड़ी हैं. उनकी इस उपलब्धि में उनके पिता अशोक कोनेरू का बहुत बड़ा योगदान रहा. उनके पिता ने 5 साल की उम्र में उनकी शतरंज में रुचि को पहचाना और प्रशिक्षण देना शुरू किया. अपने करियर में पहले ही उन्होंने छह साल की उम्र में पहली राज्य चैंपियनशिप जीती और इसके बाद अंडर-12, 14 और 16 राष्ट्रीय चैंपियनशिप भी अपने नाम की.
2024 में भारतीय शतरंज का शानदार प्रदर्शन
इस साल भारतीय शतरंज ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की. दिसंबर 2024 में, गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीती और सबसे कम उम्र में यह खिताब जीतने वाले खिलाड़ी बने. सितंबर में बुडापेस्ट में आयोजित चेस ओलंपियाड में भारत ने ओपन और महिला दोनों श्रेणियों में पहली बार गोल्ड मेडल जीता. यह उपलब्धि चेस ओलंपियाड के 97 साल के इतिहास में ऐतिहासिक रही. भारतीय शतरंज खिलाड़ियों की यह शानदार सफलता वैश्विक स्तर पर देश की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है.