प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में स्नान करने और अपने परिवार के लिए ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे पर एक अलग ही आभा और नूर होता है. आस्था में डूबे हुए ये लोग अपने जीवन के दुखों से मुक्ति पाने के लिए गंगा में डुबकी लगाते हैं. लेकिन कभी-कभी नियति कुछ और ही फैसला कर देती है. एक पल में सब कुछ बदल जाता है और सपने टूट जाते हैं.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ इसका ताजा उदाहरण है. इस दुर्घटना में कम से कम 18 लोगों की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया और पूरा स्टेशन चीख-पुकार से गूंज उठा.
उजड़ी ज़िंदगियों की दर्दनाक तस्वीरें
रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों पर यात्रियों का सामान बिखरा पड़ा था. टूटी हुई चप्पलें, जूते और महिलाओं के दुपट्टे यह बता रहे थे कि उस रात का हादसा कितना दर्दनाक था. इस भीड़भाड़ में मौत ने लोगों को डराया और भगाया. कुछ लोग अपनी जान गंवा बैठे, कुछ गंभीर रूप से घायल हुए, और कुछ लोग गायब हो गए. लोग टूटी-फूटी चीजों से अपने अपनों की पहचान करने की कोशिश कर रहे थे. परिवारों की हालत ये थी कि वे या तो अपनों की मौत पर रो रहे थे, या गायब हुए परिजनों को ढूंढ रहे थे, या फिर अस्पतालों में घायल परिवारजनों के साथ बैठे थे. कई परिवार तीन तरह की मुश्किलों से जूझ रहे थे.
सिस्टम पर सवाल उठाना जरूरी है
महाकुंभ के बाद से ही प्रयागराज में कई हादसों का सिलसिला जारी है. कभी भगदड़ में लोग अपनी जान गंवाते हैं, तो कभी सड़क हादसों में कई लोग अपनी जिंदगी खो देते हैं. हालांकि, सरकार सिर्फ उच्च स्तरीय जांच में व्यस्त रहती है और हादसे के पहले कोई उचित व्यवस्था नहीं की जाती. अगर सरकार ने समय रहते उचित इंतजाम किए होते, तो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को रोका जा सकता था. आम लोग सड़कों पर, रेलवे स्टेशनों पर और संगम घाटों पर असुरक्षित हो रहे हैं, लेकिन सिस्टम बस मूकदर्शक बना हुआ है. ऐसे हादसों के बाद पूरे देश को सवाल उठाने का अधिकार है, और सरकार को जवाब देना होगा.
हादसे की पूरी कहानी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 13 और 14 पर शनिवार रात उस समय भगदड़ मच गई जब यात्रियों के बीच यह अफवाह फैल गई कि प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनें रद्द हो गई हैं. इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. हादसे के बाद रेलवे ने विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया और प्लेटफार्म पर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की. रेलवे ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
मुआवजे का मरहम
इस हादसे के बाद प्रभावितों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई है. भारतीय रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 2.5 लाख रुपये और हल्के रूप से घायल यात्रियों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है.