16 जनवरी 2025 को झारखंड एनएसयूआइ (NSUI) प्रतिनिधिमंडल ने रांची विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. अजीत कुमार सिन्हा से मुलाकात की. इस दौरान राज्य उपाध्यक्ष अमन अहमद ने महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पी.जी. सेमेस्टर 4 के डिज़र्टेशन प्रोजेक्ट रिपोर्ट के 100 अंक, जो वर्तमान में पी.जी. विभाग के शिक्षकों के हाथों में हैं, वह नियमों के खिलाफ है.
अमन अहमद ने बताया कि पी.जी. (PG) विभाग के शिक्षक, महाविद्यालयों से छात्रों को बुलाकर डिज़र्टेशन रिपोर्ट (Dissertation Report) के अंक निर्धारित कर रहे हैं, जबकि ऐसी व्यवस्था सही नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन महाविद्यालयों में ऑनर्स डिपार्टमेंट (Honors Department) में 50 से ज्यादा विद्यार्थी हैं, वहां के लिए यह आवश्यक है कि पी.जी. शिक्षक छात्रों के वाइवा (Viva) के लिए महाविद्यालयों में जाएं, न कि महाविद्यालय से छात्रों को बुलाया जाए.
इसके अलावा, वे 30 अंक, जो वाइवा के लिए एक्टरनल (external) के पास होते हैं, उसे भी विभाग के शिक्षक अपने हाथों में रखे हुए हैं, जो कि अनियमित है. एनएसयूआइ ने मांग की कि अगर 70 अंक प्रोजेक्ट रिपोर्ट के लिए निर्धारित हैं, तो ये अंक संबंधित महाविद्यालय को ही सौंपे जाएं और वाइवा का अधिकार भी उसी महाविद्यालय को मिलना चाहिए.
एनएसयूआइ ने यह भी कहा कि पी.जी. विभाग को दोनों (70 और 30) अंकों को अपने हाथ में रखना गलत है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले पर तुरंत विचार करने और छात्र हित में उचित निर्णय लेने की अपील की ताकि शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राओं के प्रति सहानुभूति और विनम्रता से पेश आएं.
कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए परीक्षा नियंत्रक, डॉ. विकास कुमार को इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
मुलाकात के दौरान पूर्व जिला महासचिव प्रिंस राज, पूर्व जिला सचिव सरफराज अहमद, गुलशन कुमार, आर्यन सिंह, रोहित कुमार सहित अन्य छात्र नेताओं की उपस्थिति रही.